History of Jaipur

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जयपुर का इतिहास

राजस्थान सामान्य ज्ञान ( Rajasthan General Knowledge ), भारत के 28 राज्यों में से एक है। गुलाबी शहर ‘जयपुर’ यहाँ की राजधानी है। राजस्थान को राज्यस्थान के नाम से जाना जाता था, जिसका आशय राजाओं या रजबाड़ों के स्थान से था। राजपूताना का इतिहास लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक एनाल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ़ राजस्थान में राजस्थान शब्द का प्रयोग प्रदेशवाची संज्ञा के रूप में किया। आज इस प्रदेश को राजस्थान नाम से जाना जाता है।

जयपुर: जयपुर गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है। सन 1727 में निर्मित यह शहर भारत का पहला पूरी तहर नियाजित शहर था। इसका निर्माण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने कराया। जयसिंह के नाम पर ही इस शहर का नाम जयनगर और फिर बाद में जयपुर पड़ा। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है जयपुर शहर भारत संघ के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजधानी है। जयपुर राजस्थान का सबसे बडा शहर है। जयपुर को पिंक सिटी अथवा गुलाबी नगरी भी कहते है। जयपुर की स्थापना आमेर के महाराजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने की थी। यूनेस्को द्वारा जुलाई 2019 में जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया गया है

जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण-परंपरा, सरस-संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है। जयपुर शहर की पहचान यहाँ के महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से होती है जो यहाँ के स्थापत्य की खूबी है। १८७६ में तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजा दिया था। तभी से शहर का नाम गुलाबी नगरी पड़ा है। राजा जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही इस शहर का नाम जयपुर पड़ा। जयपुर भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल (India’s Golden Triangle) का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली, आगरा और जयपुर आते हैं भारत के मानचित्र में उनकी स्थिति अर्थात लोकेशन को देखने पर यह एक त्रिभुज (Triangle) का आकार लेते हैं। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्रायंगल कहते हैं। संघीय राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 280 किलोमीटर है।

  • गुलाबी नगरी के रूप में प्रसिद्ध जयपुर राजस्थान राज्य की राजधानी है।
  • जयपुर् इसके भव्य किलों, महलों और सुंदर झीलों के लिए प्रसिद्ध है, जो विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
  • सिटी पैलेस महाराजा जयसिंह (द्वितीय) द्वारा बनवाया गया था और मुगल और राजस्थानी स्थापत्य का एक संयोजन है।
  • महराजा सवाई प्रताप सिंह ने हवामहल 1799 ईसा में बनवाया और वास्तुकार लाल चन्द उस्ता थे ।
  • आमेर् दुर्ग में महलों, विशाल कक्षों, स्तंभदार दर्शक-दीर्घाओं, बगीचों और मंदिरों सहित कई भवन-समूह हैं।
  • आमेर महल मुगल और हिन्दू स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
  • गवर्नमेण्ट सेन्ट्रल म्यूजियम 1876 में, जब प्रिंस ऑफ वेल्स ने भारत भ्रमण किया,सवाई रामसिंह द्वारा बनवाया गया था और 1886 में जनता के लिए खोला गया ।
  • गवर्नमेण्ट सेन्ट्रल म्यूजियम में हाथीदांत कृतियों, वस्त्रों, आभूषणों, नक्काशीदार काष्ठ कृतियों, सूक्ष्म चित्रों संगमरमर प्रतिमाओं, शस्त्रों और हथियारों का समृद्ध संग्रह है।
  • सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने अपनी सिसोदिया रानी के निवास के लिए ‘सिसोदिया रानी का बाग’ बनवाया।
  • जलमहल, शाही बत्तख शिकार-गोष्ठियों के लिए बनाया गया झील के बीच स्थित एक सुंदर महल है।
  • ‘कनक वृंदावन’ जयपुर में एक लोकप्रिय विहार स्थल है।
  • जयपुर के बाजार जीवंत हैं और दुकाने रंग बिरंगे सामानों से भरी है, जिसमें हथकरघा उत्पाद, बहुमूल्य पत्थर, वस्त्र, मीनाकारी सामान, आभूषण, राजस्थानी चित्र आदि शामिल हैं।
  • जयपुर संगमरमर की प्रतिमाओं, ब्लू पॉटरी और राजस्थानी जूतियों के लिए भी प्रसिद्ध है।
  • जयपुर के प्रमुख बाजार, जहां से आप कुछ उपयोगी सामान खरीद सकते हैं, जौहरी बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार और एम.आई. रोड़ के साथ साथ हैं।
  • जयपुर शहर के भ्रमण का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च है।
  • राजस्थान राज्य परिवहन निगम (RSTC) की उत्तर भारत के सभी प्रसुख गंतव्यों के लिए बस सेवाएं हैं।
  • ‘पूर्वी राजस्थान का द्वार’ भरतपुर, भारत के पर्यटन मानचित्र में अपना महत्व रखता है।
  • भारत के वर्तमान मानचित्र में एक प्रमुख पर्यटक गंतव्य, भरतपुर पांचवी सदी ईसा पूर्व से कई अवस्थाओं से गुजर चुका है।
  • 18 वीं सदी का भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य, जो केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता है।
  • 18 वीं सदी का भरतपुर पक्षी अभयारण्य, जो केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान के रूप में भी जाना जाता है,संसार के सबसे महत्पूर्ण पक्षी प्रजनन और निवास के रूप में प्रसिद्ध है।
  • लोहागढ़ आयरन फोर्ट के रूप में भी जाना जाता है, लोहागढ़ भरतपुर के प्रमुख ऐतिहासिक आकर्षणों में से एक है।
  • भरतपुर संग्रहालय राजस्थान के विगत शाही वैभव के साथ शौर्यपूर्ण अतीत के साक्षात्कार का एक प्रमुख स्रोत है। 23. एक सुंदर बगीचा, नेहरू पार्क, जो भरतपुर संग्रहालय के पास है।
  • नेहरू पार्क- रंग बिरंगे फूलों और हरी घास के मैदान से भरा हुआ है, इसकी उत्कृष्ट सुंदरता पर्यटकों को आकर्षित करती है।
  • डीग पैलेस एक मजबूत और बहुत बड़ा राजमहल है, जो भरतपुर के शासकों के लिए ग्रीष्मकालीन आवास के रूप में कार्य करता था ।
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