General Knowledge Quiz on the Heretic Schools of Indian Philosophy

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भारतीय दर्शनशास्त्र के विधर्मिक स्कूलों पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
General Knowledge Quiz on the Heretic Schools of Indian Philosophy

इस लेख में हमने भारतीय दर्शनशास्त्र के विधर्मिक स्कूलों पर आधारित 10 सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी दी है जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी होगी।

दर्शन का शाब्दिक अर्थ होता है यथार्थ की परख के लिये एक दृष्टिकोण। प्राचीन भारतीय साहित्य में दर्शन की लंबी परम्परा रही है। कई दार्शनिक जीवन और मृत्यु के रहस्यों तथा इन दोनों शक्तियों के परे स्थित सम्भावनाओं का पता लगाने में प्रयासरत रहे हैं।

  1. इनमें से कौन भारतीय दर्शनशास्त्र का विधर्मिक स्कूल नहीं है?

A. वैशेषिका

B. आजीविक

C. उच्छेदवाद

D. नित्यवादी

Ans: A

व्याख्या: भारतीय दर्शनशास्त्र के स्कूल जो वेदों के अधिकार को स्वीकार नहीं करते हैं उनको भारतीय दर्शनशास्त्र का विधर्मिक स्कूल बोला जाता हैं। भारतीय दर्शनशास्त्र का वैशेषिका स्कूल रूढ़िवादी स्कूल भारतीय दर्शन है। इसलिए, A सही विकल्प है।

  1. इनमें से कौन भारतीय दर्शनशास्त्र के अजविका स्कूल का समर्थक था?

A. अजित केशकंबली

B. मकखली गोसाला

C. पकुधा कच्कायाना

D. संजय बेलाथीपुत्त

Ans: B

व्याख्या: आजीविक विधर्मिक दर्शन स्कूल, भारतीय दर्शनशास्त्र के विधर्मिक स्कूलों (नास्तिक) स्कूलों में से एक है। मकखली गोसाला इस दर्शन के समर्थक थे। इसलिए, B सही विकल्प है।

  1. निम्नलिखित भारतीय दार्शनिक में से कौन वर्धमान महावीर के पहले शिष्य थे?

A. अजित केशकंबली

B. मकखली गोसाला

C. पकुधा कच्कायाना

D. संजय बेलाथीपुत्त

Ans: B

व्याख्या: मकखली गोसाला आजीविक विधर्मिक दर्शन स्कूल के समर्थक थे। वे वर्धमान महावीर के पहले शिष्य थे। उनके अनुसार ब्रह्मांड की हर वस्तु भाग्य और भाग्य के साथ समन्वयित है। इसलिए, B सही विकल्प है।

कला और दर्शनशास्त्र साहित्य पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

  1. निम्नलिखित में से किसे भारतीय भौतिकवाद के पहले ज्ञात समर्थक के रूप में माना जाता है?

A. पुराण कस्सपा

B. संजय बेलाथीपुत्त

C. पकुधा कच्कायाना

D. अजित केशकंबली

Ans: D

व्याख्या: उच्छेदवाद विधर्मिक दर्शन स्कूल के अनुसार आत्मा के भी नष्ट हो जाने का सिद्धांत होता है। प्राचीन काल के भारतीय भौतिकवाद के पहले ज्ञात समर्थक के रूप में अजित केशकंबली को माना जाता है। इसलिए, D सही विकल्प है।

  1. निम्नलिखित में से कौन भारतीय दर्शनशास्त्र में अज्ञेयवाद का समर्थक था?

A. पुराण कस्सपा

B. संजय बेलाथीपुत्त

C. पकुधा कच्कायाना

D. अजित केशकंबली

Ans: B

व्याख्या: संजय बेलाथीपुत्त अज्ञेयवाद विधर्मिक दर्शन स्कूल का समर्थक था। इस सिद्धांत की मान्यता है कि जहाँ विश्व की कुछ वस्तुओं का निश्चयात्मक ज्ञान संभव है, वहाँ कुछ ऐसे तत्व या पदार्थ भी हैं जो अज्ञेय हैं, अर्थात् जिनका निश्चयात्मक ज्ञान संभव नहीं है। इसलिए, B सही विकल्प है।

  1. निम्नलिखित में से किस भारतीय आंदोलन ने विधर्मिक दर्शनशास्त्र को जन्म दिया था?

A. भक्ति आंदोलन

B. सूफी आंदोलन

C. श्रमण आंदोलन

D. उपरोक्त सभी

Ans: C

व्याख्या: श्रमण आंदोलन की वजह से ही विधर्मिक दर्शन की शुरुवात हुई थी, जिसमें आत्मा को स्वीकार करने या इनकार करने से लेकर, परमाणु, एंटीनोमियन नैतिकता, भौतिकवाद, नास्तिकता, अज्ञेयवाद, स्वतंत्र इच्छा के लिए घातकता, पारिवारिक जीवन के लिए अति तपस्या का आदर्शीकरण, सख्त सख्ती से स्वीकार करने या इनकार करने से लेकर, सख्त अहिंसा (अहिंसा) और शाकाहार हिंसा और मांस खाने की अनुमति के लिए जैस मूल्यों पर विचार किया गया था। इसलिए, C सही विकल्प है।

  1. निम्नलिखित में से कौन अक्रियावदी (अमूर्तवाद) का समर्थक था?

A. पुराण कस्सपा

B. संजय बेलाथीपुत्त

C. पकुधा कच्कायाना

D. अजित केशकंबली

Ans: A

व्याख्या: पुराण कस्सपा अक्रियावदी (अमूर्तवाद) का समर्थक था। इस मत की मान्यताओं के अनुसार, न तो कोई कर्म है, न कोई क्रिया और न कोई प्रयत्न। इसलिए, A सही विकल्प है।

  1. बिंदुसार (मौर्य सम्राट) के दौरान निम्नलिखित में से कौन सा विधर्मिक भारतीय दर्शन बहुत लोकप्रिय था?

A. वैशेषिका

B. आजीविक

C. उच्छेदवाद

D. नित्यवादी

Ans: B

व्याख्या: आजीविक विधर्मिक दर्शन स्कूल कर्म, घातकता और चरम निष्क्रियता में विश्वास रखता था। बिंदुसार (मौर्य सम्राट) के दौरान यह बहुत लोकप्रिय था। इसलिए, B सही विकल्प है।

  1. निम्नलिखित भारतीय दर्शनशास्त्र में से कौन पश्चिमी दार्शनिक सिद्धांत आत्मनिष्ठावाद के समान है?

A. अनेकतावाद

B. बौद्ध दर्शन

C. भारतीय राजनीतिक दर्शन

D. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Ans: A

व्याख्या: भारतीय दर्शनशास्त्र में अनेकतावाद पश्चिमी दार्शनिक सिद्धांत आत्मनिष्ठावाद के समान है। इसलिए, A सही विकल्प है।

  1. निम्नलिखित में से कौन सा दर्शनशास्त्र है, आध्यात्मिकता, घटना ज्ञान, नैतिकता और ज्ञान-मीमांसा से संबंधित है?

A. जैन दर्शन

B. बौद्ध दर्शन

C. कार्वाका दर्शन

D. वेदांत दर्शन

Ans: B

व्याख्या: बौद्ध दर्शन आध्यात्मिकता, घटना ज्ञान, नैतिकता और ज्ञान-मीमांसा से संबंधित है। इसलिए, A सही विकल्प है।

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