Basic Knowledge of Hindi Language
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हिंदी भाषा का बुनियादी ज्ञान:
- सोरठा छन्न्द के लक्षण है – यह मात्रिक सम छन्न्द है। विषम चरण में 11 व सम चरण में 13 मात्राएं होती है। तुक विषम चरणों की मिलती है। यह छन्न्द दोहा का उल्टा होता है।
- सोरठा का उदाहरण है –
- अकबर समंद अथाह तहै डूबा हिन्दू तुरक
- मेवाड़ों तिण मांह पोयण फूल प्रताप सी
- चौपाई छंद के लक्षण है – यह मात्रिक सम छंद है। प्रत्येक चरण में 16 मात्रा और अंत में गुरु लघु न होते है
- चौपाई का उदाहरण है –
- सुनी जननी! सोह सुत बडभागी, जो पितृ मात वचन अनुरागी
- तनय मात-पितृ तोखनहारा, दरलभ जननि! सकल संसारा
- हरिगीतिका के प्रत्येक चरण में कितनी मात्राएं होती है – 28
- वर्णिक छंद कौन-कौन से है – दु्रतविलम्बित, कवित्त, मंदाक्रांता
- श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधारि… में छंद है – दोहा
- कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि, कहत लखन सन राम ह्दय गुनि में छंद है – चौपाई
- संसार की समर स्थली में धीरता धारण करो चलते हुए निज दुष्ट पथ पर, संकटों से मत डरो में छंद है – हरिगीतिका
- मेरी भव बाधा हरो, राधा नागरि सोय, जा तन की झांई परे, श्यामु हरित दु्रति होय में छंद है – दोहा
- नील सरोरूह स्याम, तरून अरून वारिज नयन, करउ सो मम उर धाम, सदा छीरसागर सयन में छंद है – सोरठा
- प्रबल जो तुम में पुरूषार्थ हो, सुलभ कौन तुम्हे न पदार्थ हो। प्रगति के पथ पर विचरो उठो, भुवन में सुख-शांति भरो उठो ॥ में छंद है – दु्रतविलम्बित
- मत मुखर होकर बिखर यों, तू मौन रह मेरी व्यथा, अवकाश है किसको सुनेगा, कौन यह तेरी कथा। में छंद है – हरिगीतिका
- “विलसता कटि में पट पीत था। रुचिर वस्त्र विभूषित गात था। लस रही उर में बलमाल थी। कल दुकूल अलंकृत स्कंध था” में छंद है – चौपाई
- या लकुटी अरू कामरिया पर, राज तिहुं पुर को तजि डारो में छंद है – मतगयंद सवैया
- रहिमन मोहि न सुहाय, अमिय पियावत मान बिनु, वरन विष देय बुलाय, मान सहित मरिबो भलो में छंद होगा – सोरठा