Ayurveda General Knowledge Questionnaire-1

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चरकसंहिता: आयुर्वेद सामान्य ज्ञान प्रश्नावली-1
(1) चरक संहिता के आद्य उपदेष्टा हैं-

(क) पुर्नवसु आत्रेय (ख) अग्निवेश (ग) चरक (घ) दृढ़बल
(2) चरकसंहिता के ‘भाष्यकार कौन हैं-

(क) पुर्नवसु आत्रेय (ख) अग्निवेश (ग)चरक (घ) चक्रपाणि
(3) चरकसंहिता के ‘सम्पूरक’ कौन हैं?

(क) आत्रेय (ख) चरक (ग) चक्रपाणि (घ) दृढबल
(4) चरकसंहिता के ‘प्रतिसंस्कर्ता’ कौन हैं?

(क) अग्निवेश (ख) चरक (ग) चक्रपाणि (घ) दृढबल
(5) ‘अग्निवेश तंत्र’ के प्रतिसंस्कर्ता कौन है?

(क) चरक (ख) दृढबल (ग) चक्रपणि (घ) भट्टार हरिश्चन्द्र
(6) आचार्य चरक का काल है-

(क) 1000 ई.पूर्व (ख) 1000 ई.पश्चात् (ग) 200 ई.पूर्व. (घ) 200 ई.पश्चात्
(7) चरक संहिता में क्रमशः कितने स्थान और कितने अध्याय हैं?

(क) 8, 120 (ख) 6,186 (ग) 8, 150 (घ) 6, 120
(8) चरक संहिता के चिकित्सा स्थान में कुल कितने अध्याय है?

(क) 30 (ख) 40 (ग) 46 (घ) 60
(9) निम्नलिखित में से कौन सा स्थान चरक संहिता में हैं-

(क) विमान (ख) खिल (ग) उत्तर तंत्र (घ) उर्पयुक्त सभी
(10) चरक संहिता के इन्द्रिय स्थान में कुल कितने अध्याय हैं?

(क) 08 (ख) 06 (ग) 12 (घ) 24
(11) चरकसंहिता में कुल कितने श्लोक हैं?

(क) 1950 (ख) 9295 (ग) 12000 (घ) 8300
(12) चरकसंहिता में कुल कितने औषध योगों का वर्णन हैं।

(क) 1950 (ख) 9295 (ग) 12000 (घ) 8300
(13) चरकसंहिता में कुल सूत्र कितने हैं।

(क) 1950 (ख) 9295 (ग) 12000 (घ) 8300
(14) चरक संहिता पर लिखित कुल संस्कृत टीकाएं हैं।

(क) 17 (ख) 19 (ग) 43 (घ) 44
(15) वृहत्रयी ग्रन्थों में सर्वाधिक टीकाएं किस ग्रन्थ पर लिखी गयी है।

(क) चरक संहिता (ख) सुश्रुत संहिता (ग) अष्टांग हृदय (घ) अष्टांग संग्रह
(16) चरक संहिता पर रचित टीका “निरंतर पदव्याख्या” के लेखक कौन हैं।

(क) जेज्जट (ख) चक्रपाणि (ग) हेमाद्री (घ) गयदास
(17) चरक संहिता पर रचित टीका ‘चरकोपस्कार’के टीकाकार कौन है।

(क) भट्टार हरिश्चन्द्र (ख) गंगाधर राय (ग) योगेन्द्रनाथसेन (घ) जेज्जट
(18) चरक संहिता की “जल्पकल्पतरू” व्याख्या के टीकाकार कौन थे।

(क) गंगाधर रॉय (ख) योगेन्द्र सेन (ग) गणनाथ सेन (घ) शिवदास सेन
(19) चरक संहिता पर रचित ‘चरकन्यास’ टीकाके टीकाकार कौन है।

(क) जेज्जट (ख) योगेन्द्र सेन (ग) स्वामीकुमार (घ) भट्टार हरिश्चन्द्र
(20) कविराज गंगाधर रॉयका काल हैं ?

(क) 13वीशताब्दी (ख) 15वीं शताब्दी (ग) 17वीं शताब्दी (घ) 19वीं शताब्दी
(21) चरक संहिता पर रचित चक्रपाणि की टीकाहैं ?

(क) दीपिका (ख) गूढ़ार्थ दीपिका (ग) आयुर्वेद दीपिका (घ) गूढान्त दीपिका
(22) निम्न में से कौन एक चरक संहिता की टीकाकार है।

(क) योगेन्द्रनाथ सेन (ख) रूद्रभट्ट (ग) कौटिल्य (घ) डल्हण
(23) चक्रपाणि का काल क्या हैं ?

(क) 11वीं शताब्दी (ख) 12वीं शताब्दी (ग) 13वीं शताब्दी (घ) 16वीं शताब्दी
(24) चरकसंहिता की ‘चरक प्रकाश कौस्तुभ’ टीका के टीकाकार का काल है ?

(क) 11वीं शती (ख) 15वीं शती (ग) 17वीं शती (घ) 19वीं शती
(25) चरक संहिता पर रचित हिन्दी टीका “वैद्य मनोरमा” के लेखक कौन हैं।

(क) जयदेव विद्यालंकार (ख) अत्रिदेव विद्यालंकार (ग) ब्रह्मानन्द त्रिपाठी (घ) रविदत्त त्रिपाठी
(26) चरक संहिता का अरबी अनुवाद कौनसी सदी में हुआ था।

(क) 8वीशताब्दी (ख) 9वीं शताब्दी (ग) 11वीं शताब्दी (घ) 13वीं शताब्दी
(27) ‘अमितायु’ किसका पर्याय कहा गया है।

(क) इन्द्र (ख) भरद्वाज (ग) अग्निवेश (घ) आत्रेय
(28) ‘चन्द्रभागा’ किसका नाम था।

(क) पुर्नवसु आत्रेय (ख) आत्रेय पुत्र (ग) आत्रेय माता (घ) आत्रेय पिता
(29) आत्रेय के शिष्यों की संख्या कितनी हैं।

(क) 5 (ख) 6 (ग) 7 (घ) 8
(30) क्षारपाणि किसका शिष्य था।

(क) पुर्नवसु आत्रेय (ख) अत्रि (ग) भिक्षु आत्रेय (घ) अग्निवेश
(31) निम्न में से सभी आत्रेय के शिष्य है एक को छोडकर –

(क) अग्निवेश (ख) जतूकर्ण, पाराशर (ग) हारीत, क्षारपाणि (घ) चक्रपाणि, चरक
(32) चरक किसके शिष्य थे।

(क) पुर्नवसु आत्रेय (ख) धन्वतरि (ग) वैशम्पायन (घ) अग्निवेश
(33) चरक किसके पुत्र थे।

(क) पुर्नवसु आत्रेय (ख) विश्वामित्र (ग) विशुद्ध (घ) वैशम्पायन
(34) आचार्य चरक वर्तमान भारत वर्ष के किस राज्य के निवासीथे।

(क) पंजाब (ख) काश्मीर (ग) राजस्थान (घ) केरल
(35) दृढ़बल के पिता कौन थे।

(क) चरक (ख) कपिलबली (ग) विश्वामित्र (घ) इन्दु
(36) दृढ़बल ने चरक संहिता के चिकित्सा स्थान में कितने अध्यायों को पूरित कर सम्पूर्ण किया हैं।

(क) 17 (ख) 15 (ग) 14 (घ) 13
(37) चरक संहिता चिकित्सा स्थान का निम्न में से कौनसा अध्याय दृढबल द्वारा पूरित नहीं है।

(क) पाण्डु चिकित्सा (ख) ग्रहणी चिकित्सा (ग) छर्दि चिकित्सा (घ) अतिसार चिकित्सा
(38) चरक संहिता को “अखिलशास्त्रविद्याकल्पद्रुम” किसने कहा है।

(क) गंगाधर रॉय (ख) भट्टार हरिश्चन्द्र (ग) चक्रपाणि (घ) शिवदास सेन
(39) चरक संहिता में “उत्तर तंत्र” शामिल था – ऐसा किसने कहा है।

(क) गंगाधर रॉय (ख) भट्टार हरिश्चन्द्र (ग) चक्रपाणि (घ) शिवदास सेन
(40) वृहत्रयी ग्रन्थों में ‘मूर्धन्य’ संहिता कौनसी है ?

(क) चरक संहिता (ख) सुश्रुत संहिता (ग) अष्टांग हृदय (घ) अष्टांग संग्रह
(41) चक्रपाणि का सम्बन्ध कौनसे वंश से था ?

(क) लोध्रवंश (ख) लोध्रबली वंश (ग) मौर्य वंश (घ) शुंगवंश
(42) गुरूसूत्र, शिष्यसूत्र, एकीयसूत्र एवं प्रतिसंस्कर्ता सूत्र के रूप में वर्णन किसका ग्रन्थ का है ?

(क) चरक संहिता (ख) सुश्रुतसंहिता (ग) दोनों (घ) काश्यपसंहिता
(43) ‘तुरीय अवस्था’ किससे संबंधित है।

(क) निद्रा (ख) स्वप्न (ग) ब्रह्म (घ) मोक्ष
(44) ‘उभयाभिप्लुता’चिकित्सा किसका योगदान हैं।

(क) चरक (ख) सुश्रुत (ग) वाग्भट्ट (घ) उर्पयुक्त सभी
(45) चरकसंहिता के सूत्रस्थान के स्वस्थ्य चतुष्क में कौन-कौन से अध्याय आते हैं।

(क) 1,2,3,4 (ख) 5,6,7,8 (ग) 9,10,11,12 (घ) 13,14,15,16
(46) चरक संहिता मे त्रिशोथीयाध्याय कौनसे चतुष्क से सम्बधित है।

(क) रोग चतुष्क (ख) योजना चतुष्क (ग) निर्देश चतुष्क (घ) क्रिया चतुष्क
(47) चरक संहिता मे कुल कितने स्थानों पर संभाषा परिषद का उल्लेख मिलता है।

(क) 7 (ख) 4 (ग) 2 (घ) 1
(48) चरक संहिता के सूत्रस्थान कुल कितने स्थानों पर संभाषा परिषद का उल्लेख मिलता है।

(क) 7 (ख) 4 (ग) 2 (घ) 1
(49) अथातो दीर्घ×जीवितीयमध्यायं व्याख्यास्यामः। – इस सूत्र में कितने पद है।

(क) 6 (ख) 7 (ग) 8 (घ) 9
(50) ‘उग्रतपा’ किसका पर्याय कहा गया है।

(क) इन्द्र (ख) भरद्वाज (ग) अग्निवेश (घ) आत्रेय
(51) चरक संहिता के ‘दीर्घ×जीवितीयमध्याय’ में आयुर्वेदावतरण संबंधी सम्भाषा परिषद में कितने ऋर्षियों ने भाग लिया था।

(क) 56 (ख) 57 (ग) 53 (घ) 60
(52) “धर्मार्थकाममोक्षाणामारोग्यं मूलमुत्तमम्।”- उपर्युक्त सूत्र किस संहिता में वर्णित हैं।

(क) चरक संहिता (ख) सुश्रुत संहिता (ग) अष्टांग हृदय (घ) अष्टांग संग्रह
(53) चरक संहितामें ‘बलहन्तार’किसका पर्याय कहा गया है।

(क) इन्द्र (ख) भरद्वाज (ग) राजयक्ष्मा (घ) प्रमेह
(54) चरक संहिता के अनुसार इन्द्र के पास आयुर्वेद का ज्ञान प्राप्त करने कौन गया था।

(क) आत्रेय (ख) भरद्वाज (ग) अश्विनी द्वय (घ) अग्निवेश
(55) आचार्य चरक ने “हेतु, लिंग, औषध’ को क्या संज्ञा दी है।

(क) त्रिसूत्र (ख) त्रिस्कन्ध (ग) त्रिस्तंभ (घ) अ, ब दोनों
(56) “स्कन्धत्रय”है ?

(क) हेतु, लिंग, औषध (ख) हेतु, दोष, द्रव्य (ग) वात, पित्त, कफ (घ) सत्व, रज, तम
(57) चरक संहिता के अनुसार षटपदार्थ का क्रम है ?

(क) द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष, समवाय (ख) सामान्य,विशेष, गुण, द्रव्य, कर्म, समवाय
(ग) सामान्य, विशेष, द्रव्य, गुण, कर्म, समवाय (घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

(58) वैशेषिक दर्शनके अनुसार षटपदार्थ का क्रम है ?

(क) द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष, समवाय (ख) सामान्य, विशेष, गुण, द्रव्य, कर्म, समवाय
(ग) सामान्य, विशेष, द्रव्य, गुण, कर्म, समवाय (घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

(59) ‘हिताहितं सुखं दुःखमायुस्तस्य हिताहितम्। मानं चतच्च यत्रोक्तमायुर्वेदः स उच्यते।’- यह आयुर्वेद की ….. है।

(क) निरूक्ति (ख) व्युत्पत्ति (ग) परिभाषा (घ) फलश्रुति
(60) निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही हैं ?

(क) ‘नित्यग’ आयुका पर्याय है एंव काल का भेद है। (ख) ‘अनुबन्ध’ आयु का पर्याय है एंव दोष का भेद है।
(ग) ‘अनुबन्ध’दशविध परीक्ष्य भाव में से एक भाव है। (घ) उर्पयुक्त सभी

(61) ‘तस्य आयुषः पुण्यतमो वेदो वेदविदां मतः’ – उक्त सूत्र का उल्लेख किस ग्रन्थ में है ?

(क) चरक संहिता (ख) सुश्रुत संहिता (ग) अष्टांग संग्रह (घ) अष्टांग ह्रदय।
(62) सामान्य के 3 भेद “द्रव सामान्य, गुण सामान्य और कर्म सामान्य”- किसने बतलाये है।

(क) सुश्रुत (ख) चरक (ग) आत्रेय (घ) चक्रपाणि
(63) ‘सत्व, आत्मा, शरीर’-ये तीनों कहलातेहै।

(क) त्रिसूत्र (ख) त्रिस्कन्ध (ग) त्रिदण्ड (घ) त्रिस्तंभ
(64) परादि गुणोंकी संख्या हैं ?

(क) 6 (ख) 5 (ग) 20 (घ) 10
(65) चिकित्सीय गुण हैं।

(क) इन्द्रिय गुण (ख) गुर्वादि गुण (ग) परादि गुण (घ) आत्म गुण
(66) ‘चिकित्सा की सिद्धि केउपाय’गुण हैं।

(क) इन्द्रिय गुण (ख) गुर्वादि गुण (ग) परादि गुण (घ) आत्म गुण
(67) गुर्वादि गुण को शारीरिक गुण की संज्ञा किसने दी हैं।

(क) चरक (ख) चक्रपाणि (ग) योगीनाथ सेन (घ) गंगाधर राय
(68) आत्म गुणों की संख्या 7 किसने मानी हैं।

(क) चरक (ख) चक्रपाणि (ग) योगीनाथ सेन (घ) गंगाधर राय
(69) सात्विक गुणो में शामिल नही हैं।

(क) सुख (ख) दुःख (ग) प्रयत्न (घ) उत्साह
(70) निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही हैं ?

(क) ‘गुर्वादि गुण’ का विस्तृत वर्णन सुश्रुत और हेमाद्रि ने किया है।
(ख) ‘परादि गुण’ का विस्तृत वर्णन केवल चरक संहिता में है। (ग) ‘इन्द्रिय और आत्म गुण’ का विस्तृत वर्णन तर्क संग्रह में है। (घ) उपर्युक्त सभी

(71) गुण के बारे में कौन सा कथन सही नहीं हैं।

(क) समवायी (ख) निश्चेष्ट (ग) चेष्ट (घ) द्रव्याश्रयी
(72) कारण द्रव्यों की संख्या हैं।

(क) 5 (ख) 8 (ग) 9 (घ) 10
(73) द्रव्य के प्रकार होते हैं।

(क) 2 (ख) 3 (ग) 9 (घ) असंख्य
(74) द्रव्य के भेद होते है।

(क) 2 (ख) 3 (ग) 9 (घ) असंख्य
(75) “सेन्द्रिय” का क्या अर्थ होता है ?

(क) इन्द्रिय युक्त (ख) चेतन युक्त (ग) सत्व युक्त (घ) उर्पयुक्त कोई नहीं
(76) ‘क्रियागुणवत समवायिकारणमिति द्रव्यलक्षणम्’- किसका कथन है।

(क) चरक (ख)सुश्रुत (ग) वैशेषिक दर्शन (घ) नागार्जुन
(77) कर्म के 5 भेद – उत्क्षेपण, अवक्षेपण, आकुन्चन, प्रसारण तथा गमन।- किसने बतलाये है।

(क) चरक (ख) चक्रपाणि (ग) वैशेषिक दर्शन (घ) न्याय दर्शन
(78) ‘घटादीनां कपालादौ द्रव्येषु गुणकर्मणौः। तेषु जातेÜच सम्बन्धः समवायः प्रकीर्तितः।।’ – किसका कथन है।

(क) चरक (ख) सुश्रुत (ग) तर्क संग्रह (घ) कारिकावली
(79) आचार्य चरक ने ‘षटपदार्थ’ क्या कहा हैं।

(क) कारण (ख) कार्य (ग) पदार्थ (घ) प्रमाण
(80) आचार्य चरक कौनसे वाद को मानते हैं।

(क) कार्यकारण वाद (ख) विवर्तवाद (ग) क्षणभंगुरवाद (घ) असद्कार्यवाद
(81) व्याधिका अधिष्ठान है।

(क) शरीर . (ख) मन (ग) मन और शरीर (घ) मन, शरीर,इन्द्रियॉ
(82) वेदना का अधिष्ठान है ? (च.शा.1/136)

(क) शरीर . (ख) मन (ग) इन्द्रियॉ (घ) उर्पयुक्त सभी
(83) निर्विकारः परस्त्वात्मा सर्वभूतानां निर्विशेषः। सत्वशरीरयोश्च विशेषाद् विशेषोपलब्धिः।- है।

(क) (च.सू.1/36) (ख) (च. सू.1/52) (ग) (च. शा.4/33) (घ) (च.शा.1/36)
(84) वात पित्त श्लेष्माण एव देह सम्भव हेतवः। – किसआचार्य का कथन हैं।

(क) सुश्रुत (ख) चरक (ग) वाग्भट्ट (घ) काश्यप
(85) मानसिक दोषों की संख्या है।

(क) 1 (ख) 2 (ग) 3 (घ) उर्पयुक्तकोई नहीं
(86) मानसिक दोषों में प्रधान होता है।

(क) सत्व (ख) रज (ग) तम (घ) उर्पयुक्त कोई नहीं
(87) मानसिक गुण नहीं है।

(क) सत्व (ख) रज (ग) तम (घ) उर्पयुक्त कोई नहीं
(88)चरकानुसार शारीरिक दोषों की चिकित्सा है।

(क) दैवव्यपाश्रय, (ख) युक्तिव्यापश्रय (ग) दोनों (घ) उर्पयुक्त कोई नहीं
(89) चरकानुसार मानसिक दोष का चिकित्सा सूत्र है।

(क) ज्ञान, विज्ञान, धी, धैर्य, समाधि (ग) ज्ञान, विज्ञान, धी, धैर्य, स्मृति
(ख) ज्ञान, विज्ञान, योग, स्मृति, समाधि (घ) ज्ञान, विज्ञान, धैर्य, स्मृति, समाधि

(90) आचार्य चरक ने कफ के कितने गुण बतलाए हैं।

(क) 5 (ख) 6 (ग) 7 (घ) 8
(91) ‘सर’ कौनसे दोष का गुण हैं।

(क) वात (ख) पित्त (ग) कफ (घ) रक्त
(92) चरकोक्त वात के 7 गुणों एवं कफ के 7 गुणों में कितने समान है।

(क) 1 (ख) 2 (ग) 3 (घ) उर्पयुक्तकोई नहीं
(93) ‘साधनं न त्वसाध्यानां व्याधीनां उपदिश्यते।’ – असाध्य रोगों की चिकित्सा न करने का उपदेश किसने दिया है।

(क) सुश्रुत (ख) चरक (ग) वाग्भट्ट (घ) काश्यप
(94) रसनार्थो रसः द्रव्यमापः …..। निर्वृतौ च, विशेषें च प्रत्ययाः खादयस्त्रयः।

(क) पृथ्वीस्तथा (ख) अनलस्तथा (ग) क्षितिस्तथा (घ) अनिलस्तथा
(95) रस के विशेष ज्ञान में कारणहै।

(क) जल, वायु, पृथ्वी (ख) पृथ्वी, जल अग्नि (ग) आकाश, जल, पृथ्वी (घ) आकाश, वायु, अग्नि
(96) पित्त शामक रसहै।

(क) मधुर, अम्ल, लवण (ख) कटु, अम्ल, लवण (ग) कटु, तिक्त, कषाय (घ) मधुर, तिक्त, कषाय
(97) कफ प्रकोपक रसहै।

(क) मधुर, अम्ल, लवण (ख) कटु, अम्ल, लवण (ग) कटु, तिक्त, कषाय (घ) मधुर, तिक्त, कषाय
(98) निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही हैं ?

(क) चरक ने मधुर रस के लिए ‘स्वादु’ एवं कटु रस के लिए ‘कटुक’ शब्द का प्रयोग किया है। (च.सू.1/64)
(ख) अष्टांग संग्रहकार ने कटु रस के लिए ‘ऊषण’ शब्द का प्रयोग किया है। (अ. सं. सू. 1/35) (ग) अष्टांग हृदयकार ने लवण रस के लिए ‘पटु’ शब्द का प्रयोग किया है। (अ. हृ. नि.1/16) (घ) उर्पयुक्त सभी।

(99) चरकानुसार जांगमद्रव्यों के प्रयोज्यांग होते है।

(क) 18 (ख) 19 (ग) 8 (घ) 6
(100) चरकानुसार औद्भिदद्रव्यों के प्रयोज्यांग होते है।

(क) 18 (ख) 19 (ग) 8 (घ) 6

उत्तरमाला

1.क 21.ग 41.ख 61.क 81.ग
2.ग 22.क 42.क 62.घ 82.घ
3.घ 23.क 43.ग 63.ग 83.ग
4.घ 24.ग 44.क 64.घ 84.क
5.क 25.घ 45.ख 65.ख 85.ख
6.ग 26.क 46.घ 66.ग 86.ख
7.क 27.ख 47.क 67.घ 87.क
8.क 28.ग 48.ख 68.ग 88.ग
9.क 29.ख 49.ग 69.घ 89.घ
10.ग 30.क 50.ख 70.घ 90.ग
11.ग 31.घ 51.ग 71.ग 91.ख
12.क 32.ग 52.क 72.ग 92.क
13.ख 33.ग 53.क 73.क 93.ख
14.क 34.क 54.ख 74.ख 94.ग
15.ग 35.क 55.घ 75.ख 95.घ
16.क 36.क 56.ख 76.ग 96.घ
17.ग 37.घ 57.ख 77.ग 97.क
18.क 38.क 58.क 78.घ 98.घ
19.घ 39.घ 59.ग 79.क 99.ख
20.घ 40.क 60.घ 80.क 100.क

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