न्यूटन के गति के नियम

0 0
Read Time:1 Minute, 26 Second

न्यूटन के गति के नियम के अन्तर्गत तीन भौतिक नियम सम्मिलित हैं जो कि किसी पिंड पर लगाये गये बल तथा पिंड की गति के मध्य सम्बंध स्थापित करते हैं। ये नियम सर आइजैक न्यूटन के द्वारा सर्वप्रथम प्रतिपादित किये गये थे तथा इनका प्रथम प्रकाशन 5 जुलाई, 1687 को हुआ था।

गति का पहला नियम

कोई वस्तु यदि स्थिर है तो स्थिर ही रहेगी या गति में है तो गति में ही रहेगी जब तक कि उस पर बाह्य बल का प्रयोग न किया जायें।

इस नियम से गैलिलियों के जड़ता (inertia) की परिकल्पना को मान्यता मिलती है इसीलिये इस नियम को “जड़ता का नियम” (Law of Inertia) भी कहा जाता है।

गति का दूसरा नियम

किसी वस्तु का द्रव्यमान m, त्वरण (acceleration) a तथा उस पर लगाये गये बल F में निम्न संबंध होता है।

F = ma

यह नियम गति के नियमों में अत्यंत शक्तिशाली नियम है क्योंकि इसके द्वारा गति की परिणात्मक गणना किया जाता है।

गति का तीसरा नियम

प्रत्येक क्रिया की समान एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “न्यूटन के गति के नियम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *